Monday, September 3, 2012

तवांग मठ




तवांग मठ अरुणाचल प्रदेश के तवांग शहर में स्थित एक बौद्ध मठ है। इसकी सुंदरता के कारण इसे धरती का छुपा स्वर्ग भी कहा जाता है । तवांग भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में अरुणाचल प्रदेश राज्य के पश्चिमोत्तर भाग में स्थित है। 1962 के युद्ध में भारत के पराजय के बाद चीन ने इस पर कब्ज़ा कर लिया था लेकिन बाद में इस इलाके कों चीनी सेना ने खुद होकर खाली कर दिया। लेकिन चीन आज भी तवांग और अरुणाचल प्रदेश कों चीन का 
हि हिस्सा मानता है।

तवांग मठ का निर्माण मेराक लामा लोड्रे ग्यात्सो ने 1680-81 ई. में कराया था। तवांग मठ एक पहाड़ी पर बना हुआ है। समुद्र तल से इसकी ऊँचाई 10,000 फीट है। यहाँ पर कई छोटी नदियाँ भी बहती हैं। यहाँ से पूरी त्वांग-चू घाटी के ख़ूबसूरत दृश्य देखे जा सकते हैं। तवांग मठ दूर से क़िले जैसा दिखाई देता है। पूरे देश में यह अपने प्रकार का अकेला बौद्ध मठ है। तवांग मठ एशिया का सबसे बडा बौद्ध मठ है। तवांग मठ में 700 बौद्ध साधू ठहर सकते हैं। तवांग मठ के पास एक जलधारा भी बहती है। यह जलधारा बहुत ख़ूबसूरत है और यह मठ के लिए जल की आपूर्ति भी करती है। तवांग मठ का प्रवेश द्वार दक्षिण में है। प्रवेश द्वार का नाम काकालिंग है। काकालिंग देखने में झोपडी जैसा लगता है और इसकी दो दीवारों के निर्माण में पत्थरों का प्रयोग किया गया है। इन दीवारों पर ख़ूबसूरत चित्रकारी की गई है, जो पर्यटकों को बहुत पसंद आती है।

साभार : भारत उदय, फेसबुक 

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