माँ विशालाक्षी देवी ( चित्र साभार: KALIBHAKTI.COM) |
काशी विशालाक्षी मंदिर हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध 51 शक्तिपीठों में से एक है। यह मंदिर उत्तर प्रदेश के प्राचीन नगर काशी (वाराणसी) में काशी विश्वनाथ मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। ऐसी मान्यता है कि यह यह शक्तिपीठ मां दुर्गा की शक्ति का प्रतीक है। हर साल लाखों श्रद्धालु इस शक्तिपीठ के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां आने वाले हिंदू श्रद्धालु विशालाक्षी को 'मणिकर्णी' के नाम से भी जानते हैं।
पौराणिक कथा
हिन्दुओं की मान्यता के अनुसार यहां देवी सती के दाहिने कान के कुंडल गिरे थे। यहां पर भक्त शुरू से ही देवी मां के रूप में विशालाक्षी तथा भगवान शिव के रूप में काल भैरव की पूजा करते आ रहे हैं। दुर्गा पूजा के समय विशालाक्षी मंदिर में भक्तों की भीड़ देखते ही बनती है। इस दौरान यहां भक्त दिन-रात मां दुर्गा की आराधना करते हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर
हिंदू धर्म में काशी विश्वनाथ का अत्यधिक महत्व है। कहते हैं काशी तीनों लोकों में न्यारी नगरी है, जो भगवान शिव के त्रिशूल पर विराजती है। मान्यता है कि जिस जगह ज्योतिर्लिंग स्थापित है वह जगह लोप नहीं होता और जस का तस बना रहता है। कहा जाता है कि जो श्रद्धालु इस नगरी में आकर भगवान शिव का पूजन और दर्शन करता है उसको समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।
काशी विशालाक्षी मंदिर के पास और दूसरे स्मारक भी हैं जिन्हें आप देख सकते हैं जैसे काल भैरव मंदिर, पर्यटक स्थल ओम शांति योग निकेतन, शिव म्यूजिकल हाउस आदि।
कैसे पहुंचें
उत्तर भारत में स्थापित काशी विशालाक्षी मंदिर के दर्शन करने के लिए आपको सबसे पहले वाराणसी शहर में आना होगा। इसके लिए यातायात की अच्छी व्यवस्था की गई है। आप या तो हवाई यात्रा करके वाराणसी पहुंच सकते हैं या फिर रेल और सड़क के जरिए पवित्र काशी नगरी जा सकते हैं।
साभार: दैनिक जागरण